-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव), पत्रकार,देहरादून
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, महाराज क्या आपने कोई राजनीतिक दल ज्वाइन कर लिया है। क्या आप जजी करने के बाद कोई राजनीतिक दल बनाने वाले हैं। क्या आप होश-ओ-हवाश में हैं। आपने दो रोज पहले किसी कार्यक्रम में अपना दर्द बाँटते हुए कहा कि देश में मजबूत राजनीतिक विपक्ष की जरूरत है। अगर यह सही है तो महाराज, क्या आपको यह शोभा देता है। क्या आप भूल गए कि आप किसी राजनीतिक दल में नहीं हैं। आपको भाजपा से नफरत हो सकती है। क्योंकि यह पार्टी राष्ट्र की बात करती है। आपको मोदी से नफरत हो सकती है क्योंकि राष्ट्र ने आज तक मोदी से बड़ा देशभक्त प्रधानमंत्री बनते नहीं देखा। किन्तु इस नफरत का इलाज मैं आपको बताता हूँ। आप नौकरी छोड़ दीजिए और किसी वामपंथी दल को ज्वाइन कर लीजिए। लालू के छोकरों को ज्वाइन कर लीजिए। मुलायम की औलादों को ज्वाइन कर लीजिए। सोनिया के दल में चले जाइए। पोप खुश हो जाएगा। भ्रष्टाचार के देवता शरद पंवार को ज्वाइन कर लीजिए। आपके पास अच्छे-अच्छे विकल्प मौजूद हैं। आप बतौर जज यह नहीं कह सकते कि भारत को एक मजबूत राजनीतिक विपक्ष चाहिए। आप लोग बार-बार अपनी सीमा रेखा का अतिक्रमण कर रहे हैं। मर्यादा तो आप लोगों के लिए दूर की कौड़ी है। आप चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के पद पर आसीन रहने लायक नहीं हैं। अगर आपको बोलना नहीं आता है तो मंचों से दूर रहिए। आप लोग एक पक्षीय फैसले लेते हैं। आप लोग देश को गर्त की ओर ले जा रहे हैं। कोई 6 साल की बच्ची के साथ बलात्कार करता है तो आप लोग फाँसी के फैसले को आजीवन कारावास में बदल देते हैं। आप लोग उदारता का परिचय नहीं दे रहे बल्कि आप लोग समाज को भ्रष्ट कर रहे हैं। ये भी भ्रष्टाचार है मान्यवर। आपके पास एक महिला निवेदन लेकर आई थी कि भिन्न-भिन्न प्रदेशों में उनके खिलाफ दर्ज हो रही प्राथमिकियों को दिल्ली ट्रांसफर करने की कृपा की जाए। आप इस बिन्दु पर अपना पक्ष रखने या कोई फैसला करने की बजाय अपनी भड़ांस निकालने लगते हैं। वह महिला संविधान के खिलाफ नहीं जा रही। आप लोग संविधान के खिलाफ जा रहे हैं। आप लोग एक जिहादी के लिए जिसने संसद पर हमला किया था। रात को अदालत खोलकर बैठ जाते हैं। क्या आपको समझाना पड़ेगा कि किसी भी देश की संसद पर हमला राष्ट्र पर हमला होता है। ये दरियादिली आपकी हिन्दुओं को लेकर कहाँ गायब हो जाती है। हम समझ रहे हैं आपकी मानसिकता। हमें पता है कि आप राष्ट्र को अपना घर नहीं मानते। हमें पता है कि आप इस सबसे बडे धर्म को नहीं मानते। आप लोग जो कुछ कर रहे हैं वह सच्चाई के दायरे से बहुत दूर है। कृपया घमण्ड के पहाड़ से नीचे उतरो। देश में सबसे बड़ा है मुझ जैसा मामूली आदमी जो पूरे राष्ट्र को अपना घर समझता है और जिहादियों को देशद्रोही। जिनको लेकर आप लोग मुलायम दिल बने हुए हैं। आप लोगों ने परीक्षाएं पास करने के लिए इतिहास पढ़ा होगा। भारत को समझने के लिए कदापि नहीं। ऐसे नहीं होगी संविधान की रक्षा। जिसका आप सुबह से शाम तक दम भरते हैं।