Monday, October 14, 2024
HomeUncategorizedएक राष्ट्र एक बाजार पर काम

एक राष्ट्र एक बाजार पर काम

कृषि अर्थव्यवस्था को करेगी स्वस्थ्य
साभार न्यू इंडिया समाचार
तेलंगाना में निजामाबाद जिले के एक गाँव में रहने वाले 45 वर्षीय मुक्कु विद्यासागर के पास 7 एकड़ जमीन है और उनके पास कृषि और कृषि व्यापार में 20 वर्षों का अनुभव है। वह धान, मक्का और सोयाबीन फसलों की खेती करते हैं। मुक्कु ई नाम पोर्टलसे जुड़ गए हैं। सीधे खरीद विक्री से उन्हें काफी लाभ मिल रहा है। 24 घंटे के भीतर उपज का भुगतान मिल जाता है। इसी तरह आँध्र प्रदेश के गुन्टूर जिले का दुग्गीराला गाँव 2017 में ई नाम प्लेट फार्म से जुड़ा था। प्रोग्राम के दूसरे चरण में ई-नाम में शामिल होने वाली आँध्र प्रदेश के 10 मण्डियों में से एक थी। यहाँ पर सभी काम अब ई-नाम की प्रक्रिया के हिसाब से हो रहे हैं। जिसके फलस्वरूप मंडी में अच्छे बदलाव दिखाई दे रहे हैं। किसानों को लाभ हो रहा है। किसानों को अपनी उपज बेचने में परेशानी नहीं आ रही है। ई-नाम के कारण, जिसकी शुरूआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अप्रैल 2016 को 21 मंडियों के साथ की थी। इस ई-नाम का उद्देश्य किसानों को बिचौलियों से बचाना और उन्हें सीधे खरीद-विक्री देना है। ताकि वे अधिक से अधिक लाभ कमा सकेें। साथ में उन्हें अपनी फसल बेचने के लिए किसी पर निर्भर न रहना पड़े। खरीदने वाला देश के किसी भी हिस्से में हो उसे मनचाही उसे फसल (उत्पाद) प्राप्त हो जाए। घर बैठे यह सब संभव हो रहा है। ई-नाम यानि राष्ट्रीय कृषि बाजार एक ऑन लाईन मार्केटिंग पोर्टल है जो देश में भिन्न-भिन्न कृषि उपजों को बेचने के लिए सुगम माध्यम है। इस माध्यम से पूरा भारत जुड़ गया है और यह पोर्टल इस तरह एकता को भी बढ़ावा दे रहा है। पारदर्शिता बढ़ रही है। किसानों को उनकी मेहनत का फल मिल रहा है। एक राष्ट्र एक बाजार की अवधारणा फलीभूत हो रही है। आज देश के 21 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों की 1000 मंडी ई-नाम से जुड़ गई हैं। भारत सरकार पूर ताकत से देश के किसानों के स्तर को ऊँचा करने में जुटी हुई है। -वीरेन्द्र देव गौड, पत्रकार, देहरादून।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -


Most Popular

Recent Comments