योगी के गाँव को पर्यटन स्थल बनाओ
उत्तराखण्ड में योगी की धूम
साभार -नेशनल वार्ता ब्यूरो
उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी आज पंचूर गाँव में अपनी जन्म भूमि में अपनी माता के चरणों में नत मस्तक है। आसपास के गाँवों के लोग ही नहीं बल्कि देहरादून से भी लोग वहाँ पहुँचे हुए है। सतपाल महाराज और धन सिंह रावत जैसे वरिष्ठ मंत्री भी वहाँ मौजूद है। कहने की जरूरत नहीं कि स्वयं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनकी अगवानी का हिस्सा है। पाँच साल बाद आदित्य नाथ योगी अपनी माँ के दर्शन करेंगे। वे अपने पूज्य पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए थे। उन्होंने कोरोना प्रोटोकॉल और अपनी व्यस्तता को वरीयता दी। वैसे भी आदित्य नाथ योगी एक ऐसे योगी है जो माँ भारती की सेवा में रात-दिन जुटे हुए है। उनका पैतृक गाँव पंचूर यमकेश्वर विकास खण्ड के अंतर्गत आता है। पंचूर गाँव प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है। आदित्य नाथ योगी कर्म पथ पर अग्रसर ऐसे राजनेता है जो सन्यास धर्म का पालन कर रहे है और राष्ट्र की सेवा को वे भक्ति मानते है। गोरक्षधाम यानि गोरखपुर के सुप्रसिद्ध मठ के वे मठाधीस भी है। उनके गुरू वैद्यनाथ ने उन पर भरोसा करके गोरखपुर मठ की गद्दी सौंपी थी। आदित्य नाथ योगी न केवल राम का काम करने को आतुर रहते है बल्कि वे भगवान हनुमान के भी सेवक है। गोरखपुर के गोरक्षधाम मठ की परंपरा की यही महानता है। आदित्य नाथ योगी न केवल मठ की पंरपराओं को निर्वाह कर रहे हैं बल्कि वे राष्ट्र को एक दिशा भी दे रहे है। हिन्दू के भविष्य के लिए ऐसे नेताओं की जरूरत है। हिन्दू का भविष्य ही भारत का भविष्य है। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से सीख लेकर उत्तराखण्ड की प्रतिष्ठा को उच्चतम शिखर पर पहुँचाना चाहिए। तभी मुख्यमंत्री धामी को संतुष्टि मिलनी चाहिए। बाकी मोदी है तो क्या मुमकिन नहीं है भला।-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव), पत्रकार,देहरादून।