Thursday, November 21, 2024
HomeBreaking Newsतौकीर रजा को जेल भेजो

तौकीर रजा को जेल भेजो

-वीरेन्द्र देव गौड़, पत्रकार, देहरादून

साभार -नेशनल वार्ता न्यूज़

तौकीर रजा भारत को चुनौती दे रहा है। भारत संविधान से लाख गुना बड़ा है। संविधान कुछ साल पहले बना है। भारत हजारों साल पहले बना था। ये जिहादी सीधे-सीधे देश को चुनौती दे रहा है। खुद को संविधान का जानकर कहने वाले चुप हैं। देश के नेता चुप हैं। जिस माँद में यह रहता है। उस माँद का मुखिया मुख्यमंत्री चुप है। लेकिन, इस देश के हिन्दुओं को सड़कों पर उतरना है। सड़कों पर उतर कर इसे जेल भेजने की माँग करनी है। इसके लिए जिहाद सब कुछ है। इसे जिहाद छेड़ने का बहाना चाहिए। इसे नूपुर शर्मा के रूप में हल्का सा बहाना मिल गया। इस बहाने को भुना रहा है ये। कश्मीर का एक मौलवी कह रहा था कि हिन्दुओं को उनके रहम-ओ-करम से हवा पानी मिल रहा है। यानी वह यह कह रहा था कि उनका खुदा मेहरबान है तभी हिन्दू जिन्दा है। ये हाल है 14 सौ साल की पैदाइश का। 14 सौ साल पहले धरती पर ना पानी था और ना हवा। ये सब इनके खुदा ने बनाए हैं। धरती इनके खुदा ने बनाई है। ये है इनका ज्ञान। यही है शरियत का राज। भारत में ये शरियत के कानून के हिसाब से चलते हैं। इसके बावजूद, सुविधा से ये भी कहते हैं कि संविधान सर्वोपर्रि है। यह विरोधाभास भी हिन्दू समझने को तैयार नहीं। इनका शरियत जिहाद का ही हिस्सा है। इन्हें लगता है कि ये जिहाद छोड़ देंगे तो इनकी जान निकल जाएगी। यह बात सच है। जो भी हो तौकीर रजा ने देश को चुनौती दी है। वह घुमाफिरा कर यही कह रहा है कि जुम्मा जिहाद चलता रहेगा। यह इनके खुदा का फरमान है। जिसे कोई रोक नहीं सकता। मुख्यमंत्री योगी को इसे गिरफ्तार कर लेना चाहिए। जितना इनसे डरेंगे उतना ये हावी होंगे। दुनिया के कथित सबसे बड़े दल ने डर कर नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिन्दल को निकाल दिया। अगर ये ऐसा ना करते तो जिहादी इतना हावी नहीं होते। सबसे बड़ी कूटनीति तो यह होती है कि तेल बेचने वालों के आगे कभी नहीं झुकना चाहिए। केवल मुसलमान देशों में ही तेल नहीं है। तेल अन्य स्रोतों से भी खरीदा जा सकता है। इन दोनों को पार्टी से निकालना खाड़ी देशों के सामने झुकने जैसा है। जिहाद के मामले में करीब-करीब सारे मुसलमान देश एक हैं अन्य मामलों में भले ही इनके मतभेद हों। लेकिन मन इन सबका एक है। वह है जिहाद। क्योंकि जिहाद की कोख से ही ये सब देश जन्में हैं। जिस दिन ये जिहाद छोड़ देंगे उसी दिन से इनका मजहब सिकुड़ना शुरू हो जाएगा। इसका सीधा सा अर्थ यह है कि अगर भारत अपने अस्तित्व को बचाना चाहता है। हिन्दू को इतिहास नहीं बनने देना चाहता तो हमें संविधान में भी परिवर्तन करने होंगे। संविधान में परिवर्तन करना प्रगति की निशानी है। इस देश में तो बहुसंख्यक पीड़ित है। जहाँ-जहाँ हिन्दू अल्प संख्यक है वहाँ से उसे पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है। सब कुछ साफ-साफ दिखाई दे रहा है फिर भी अदालतें चुप हैं, मानवाधिकारवादी मौन हैं और देश के नेतागण मुस्कराते फिर रहे हैं। ये सब हिन्दू के पतन की निशानियाँ हैं। जिस पतन का सूत्रपात सुल्तान और शहंशाह कर गए वह पतन जारी है। उसे रोकने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है। मात्र धारा 370 उखाड़ फेंकने से हिन्दू नहीं बच पाएगा। हिन्दू को बचाना है तो जुम्मा जिहाद सहित तमाम अन्य तरह के जिहादों पर कीलें ठोकनी होंगी। अन्यथा ये हमें ठोक देंगे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments