Sunday, November 24, 2024
HomeUncategorizedधामी की पहली सौगंध

धामी की पहली सौगंध

समान नागरिक संहिता की गर्जना
साभार -नेशनल वार्ता ब्यूरो
पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेते ही अपनी प्रतिज्ञा को धरातल पर उतारना शुरू कर दिया है। भले ही उनकी इस देशव्यापी प्रतिज्ञा का पूरे उत्तराखण्ड में चुनाव के दौरान कोई असर न दिखा हो परन्तु उनकी यह प्रतिज्ञा देश के वर्तमान और भविष्य के लिए बहुत मायने रखती है। सही बात तो यह है कि उनकी इस सौगंध के पूरा होते ही देश में भूचाल आ जाएगा। अभी इस समय केवल गोवा में समान नागरिक संहिता लागू है। उत्तराखण्ड में इसके लागू होते ही पूरे देश को स्पष्ट संदेश जाने वाला है कि देश के संविधान के लिए सभी बराबर हैं। देश के कानून के सामने सब एक जैसे हैं। सभी को विकास का अधिकार है परन्तु मजहब के आधार पर किसी को विशेष अधिकार होना किसी गुनाह से कम नहीं। मुख्यमंत्री धामी ने दोबारा मुख्यमंत्री बनते ही अपने वचन को पूरा करने का बीड़ा उठा लिया जो कि काबिलेतारीफ है। उनके इस फैसले से उनकी छवि बेहतर होगी। किन्तु उत्तराखण्ड जैसे शान्त प्रदेश में भाजपा के विरोधी तुष्टिकरण यानी दुष्टिकरण की नीति पर हमेशा के लिए चलते हुए बवाल मचा सकते हैं। मुख्यमंत्री को इस बवाल से निपटने के लिए भी तैयार रहना होगा। क्योंकि विपक्ष बेवजह एक अच्छे मामले को तूल देकर किसी राकेश टिकैत को जन्म दे सकता है। कोई शाहीन बाग रचाया जा सकता है। कोई दिल्ली का मजहबी काण्ड बरपाया जा सकता है। वैसे, अभी इस निर्णय को धरातल पर उतरने में समय लगेगा परन्तु उत्तराखण्ड की कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता के लिए हामी भर दी है। उत्तराखण्ड के इस फैसले ने उत्तराखण्ड को पूरे देश में ऐतिहासिक बढ़त दे दी है। -सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव), पत्रकार, देहरादून।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments