Sunday, September 8, 2024
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डालनवाला थाने में फूटा पीड़ित पक्ष का आक्रोश

-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव गौड़), पत्रकार,देहरादून
-9528727656
तेग बहादुर मार्ग स्थित सागर गिरि आश्रम में बीते शनिवार रात को सागर गिरि आश्रम के प्रतिनिधि अशोक रावत पर सुनील बहुगुणा ने जानलेवा हमला किया। सागर गिरि आश्रम के बगल में स्थित पुलिस चौकी ने प्राथमिकी दर्ज करने से मना कर दिया था। तीन दिन टाल-मटोल करते रहे। तेग बहादुर मार्ग के आक्रोशित लोग इस समय डालनवाला पुलिस का घेराव कर रहे हैं। अनुपमा नंद गिरि महाराज और शिवोहम बाबा के नेतृत्व में पीड़ित पक्ष प्राथमिकी दर्ज करने पर जोर दे रहा है। विश्व हिन्दू परिषद् के वरिष्ठ नेता मनोज बिष्ट भी डालनवाला थाने में पीड़ित पक्ष के साथ खड़े हैं और जानलेवा हमले की प्राथमिकी दर्ज न करने पर आक्रोश प्रकट कर रहे हैं। अभी-अभी पता चला है कि पुलिस ने भारी दबाव के चलते प्राथमिकी दर्ज करने की हामी भर ली है। विदित रहे है कि अशोक रावत पर बीते शनिवार लगभग दस बजे सुनील बहुगुणा ने जानलेवा हमला किया था। सुनील बहुगुणा मदिरा पान करके मंदिर के अंदर घुसा और अशोक पर हमला किया। आराघर चौकी स्थित रिपोर्टिंग पुलिस चौकी के प्रभारी ने पीड़ित पक्ष की गुहार को नजरअंदाज किया। इसलिए सागर गिरि आश्रम के आस-पास रहने वाले श्रद्धालुओं नें डालनवाला थाने में जाकर अपना पक्ष रखते हुए पुलिस की मनमानी पर कड़ी आपत्ति दर्ज की। विदित रहे कि सागर गिरि आश्रम पर कुछ लोग गिद्ध दृष्टि जमाए हुए हैं। ये लोग आश्रम की जमीन को कब्जाने की फिराक में हैं। मंहत अनुपमा नंद गिरि महाराज और शिवोहम बाबा सागर गिरि आश्रम की रक्षा का प्रण लेकर आंदोलनरत हैं। इसी क्रम में इनका प्रतिनिधि अशोक रावत रात को आश्रम में ही रहता है। अशोक रावत को कई बार जान से मार देने की धमकी भी दी जा चुकी है। कब्जा करने की फिराक में बैठा पक्ष अशोक को आश्रम से भगा देना चाहता है। सागर गिरि महाराज जूना अखाड़ा परंपरा के संत थे इसलिए यह तपोभूमि जूना अखाड़ा के साधुओं की है। हालांकि, इसे जानबूझ कर विवादग्रस्त बना दिया गया है ताकि बल प्रयोग कर जमीन को हथियाया जा सके। लोगों का पक्ष यह है कि जानलेवा हमले की प्राथमिकी दर्ज हो। बाकी जो झगड़ा अदालत में चल रहा है वह तो चलता ही रहेगा। अनुपमा नंद गिरि महाराज अशोक रावत के संरक्षक है और वे जमीन हथियाने के प्रयास में जूटे लोगों का विरोध करते रहेंगे। यह समाचार लिखे जाने तक आशा की जाती है कि पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर लेगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो इस समाचार के अगले भाग में पूरा विवरण दिया जाएगा ताकि पाठकों को सागर गिरि आश्रम पर कब्जा करने की कोशिश करने वालों की असलियत का पता लग सकें और पुलिस की कारगुजारी का भी भंडाफोड़ हो सके।

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