-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव गौड़), पत्रकार,देहरादून
दिल्ली में जिहाद की जय। अब केजरीवाल जिहादियों का हीरो नम्बर वन है। पहले कांग्रेस जिहादियों की हीरो नम्बर वन थी। फिर सपा और बसपा जिहादियों की हीरो नम्बर वन बनी। अब यह ताज मोहम्मद केजरूद्दीन के सर पर है। इसमें कोई शक-शंका नहीं कि दिल्ली के जिहादी कब्रों से निकल कर भी इस आदमी को वोट देते हैं। दिल्ली के पियक्कड़ भी केजरूद्दीन पर फिदा हैं। यह आदमी क्या करता है क्या नहीं। यह दूसरी बात है। किन्तु, यह बात सोलह आने सच है कि यह आदमी जिहाद को बढ़ावा दे रहा है। जिहादी इसे मोहरे की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। जिहाद की शिक्षा में यह भी सिखाया जाता है कि आप उसका साथ दें यानी उसका इस्तेमाल करें जो भारत में गजवा-ए-हिन्द का मददगार साबित हो रहा है। यह सिलसिला भारत में चौदह सौ सालों से चल रहा है। ऐसा नहीं कि केजरूद्दीन जैसे लोग यह नहीं मानते। ये लोग इतिहास के कच्चे हैं और ऊपर से इनमें मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बनने की हवश है। इन्हें माँ भारती से कोई लेना देना नहीं। माँ भारती के बंधन कसते जा रहे हैं और ये लोग हँसते जा रहे हैं। हमें दिल्ली एमसीडी में भाजपा की हार का दुख नहीं है। हमें जिहादियों की पसंद नम्बर एक केजरूद्दीन की जीत का गम है। अभी भी, इतना हो जाने के बाद भी भारतवासी नेताओं की पहचान नहीं कर रहे हैं। भारतवासी अभी भी अपने निजी स्वार्थों को तरजीह दे रहे हैं। यह आदमी स्वावलम्बन की धज्जियाँ उड़ा रहा है। मीडिया को इस आदमी सेे विज्ञापन चाहिए। कोई भी मीडिया परिवार इस आदमी की असलियत नहीं बताता। इसकी असलियत वही है जो मुलायम परिवार, लालू परिवार, शरद परिवार, फर्जी गांधी परिवार और ममता परिवार की है। बहुत गड़बड़झाला है। राष्ट्रीय सोच की खेती चौपट होती जा रही है। हमारे नौनिहाल राष्ट्रीयता से वंचित होते जा रहे हैं। अब समय आ गया है कि नया संविधान लिखा जाए। यही है भारत के उद्धार की गंगोत्री। यहीं से काम शुरू करना होगा। केजरूद्दीन जैसे घोर अवसरवादी लोग कुछ साल में ब्रह्मलीन हो जाएंगे। हमें देश की चिंता करनी है। देश का वर्तमान घोर अवसरवादियों के हाथों में है। ऐसी स्थिति में भविष्य क्या होगा ? अंत में यह कहना भी अनिवार्य है कि भाजपाई काम करने में रूचि नहीं ले रहे हैं। यदि भाजपाई दिल लगाकर काम करते तो जिहादियों के दम पर भी केजरूद्दीन दिल्ली में कामयाब नहीं होता। भाजपाईयो सुधरो।