-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव), पत्रकार,देहरादून
राज्य सरकार घर-घर तिरंगा अभियान पर काम कर रही है। जिलाधिकारियों को इस अभियान की कमान सौंपी गई है ताकि वे अपने जनपदों में स्वतंत्रता का अमृत उत्सव कारगर तरीके से सम्पन्न करा सकें। यह अभियान जागृति के लिए किया जा रहा है। लोग इस अभियान से जुड़ कर स्वतंत्रता के महत्व को समझ सकें और अपने-अपने तरीके से देश के काम आ सकें। प्रधानमंत्री मोदी का यह एक प्रिय कार्यक्रम है। जिसके माध्यम से प्रधानमंत्री देश को एकता के सूत्र में बांधना चाहते हैं। प्रधानमंत्री लोगों को यह अहसास कराना चाहते हैं कि जब हम स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर लेंगे तब हम अपनी उपलब्धियाँ का मूल्याकंन किस तरह करेंगे। मूल्याकंन किए बिना देश में प्रगति का माहौल तैयार नहीं किया जा सकता है। देश की प्रगति शांति पर निर्भर है। शांति बनाए रखने के लिए लोगों का जागरूक होना बहुत जरूरी है। इसीलिए घर-घर तिरंगा अभियान के जरिए घर-घर यह संदेश पहुँचाया जाना है कि देश के निर्माण में कौन किस तरह सहयोग कर रहा है। क्या हम स्वतंत्रता संग्राम में अपना सब कुछ बलिदान कर देने वालों के सपनों को पूरा कर रहे हैं या हम उनके बताए रास्ते से भटक गए हैं। इस अभियान के पीछे प्रधानमंत्री मोदी की दूरगामी सोच है। वे भरसक कोशिश कर देश में अच्छा वातावरण तैयार करना चाहते हैं ताकि सभी का विकास हो सके। देश एक मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सके और भारत की गिनती विकसित देशों में हो। अगर प्रगति का दौर ऐसा ही चलता रहा तो 10-20 सालों में हम विकसित देश की श्रेणी में आ सकते हैं। परन्तु इसके लिए हमें जनसंख्या विस्फोट को ठिकाने लगाना पड़ेगा। पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करनी पड़ेगी। पूरे देश में शिक्षा की विविधिता को समाप्त करना होगा। पूरे देश में शिक्षा एक ही स्वरूप होना चाहिए। तभी देश के विद्यार्थियों मे देशप्रेम जागेगा और देश में भाईचारा बढ़ेगा। फूट डालने वाली विविधिताओं को समाप्त करना होगा। ऐसे ही प्रयासों के फलस्वरूप स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव को सफल बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी जी जान से घर-घर तिरंगा अभियान को अधिक-अधिक से सफल बनाने के लिए जुटे हुए हैं।