उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के लोग
युगीन संवाद ब्यूरो
उत्तराखण्ड के लोग 10 मार्च की बाट जोह रहे हैं। कोई कह रहा है भाजपा आ रही है। कोई कह रहा है भाजपा जा रही है। कुछ लोग कह रहे हैं अब की बार कांग्रेस आ रही है। कुछ कहा नहीं जा सकता। लोगों में भाजपा को लेकर नाराजगी भी देखी गई है। लोग कहते रहे हैं कि भाजपा विधायकों ने पाँच साल मुँह नहीं दिखाया। लेकिन लोग यह भुला रहे हैं कि करीब दो साल तो कोरोना का आतंक रहा। इस आतंक ने अच्छे-अच्छों के होश उड़ा दिए। एक दूसरे से मिलना जुलना बंद करा दिया। लोग मिलने जुलने से कतराने लगे। अब जब हालात सामान्य हो रहे हैं तो लोग दो साल की इस आपदा को भूल गए हैं। यह अच्छी बात नहीं। कायदे से भाजपा को केवल ढाई साल काम करने का मौका मिला। हर मुख्यमंत्री योगी जी की तरह पल-पल काम करने वाला तो नहीं हो सकता। योगी जी तो मैन नहीं सुपरमैन हैं और मोदी-शाह तो सुपर-डुपर मैन हैं। उत्तराखण्ड में कोई भी मुख्यमंत्री आज तक सुपरमैन साबित नहीं हुआ। बहरहाल, उत्तराखण्ड में भी भाजपा की सरकार बनने के आसार हैं। हालाँकि प्रबल आसार नहीं हैं। रही बात उत्तर प्रदेश की तो वहाँ भाजपा 300 सीटों तक पहुँच जाएगी। साइकिल वालों का हल्ला साइकिल वालों को 100 तक भी पहुँचा दे तो बहुत बड़ी बात होगी। उत्तर प्रदेश में राम का असर बाकी की कसर पूरी कर देगा। वैसे राम के साथ-साथ बुलडोजर का काम भी उत्तर प्रदेश के गरीबों को बहुत रास आया है।
बुलडोजर की सरकार बार-बार
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