-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव) पत्रकार,देहरादून
भारत के बच्चे-बच्चे को बताने का समय आ गया है कि जहाँ नादान हिन्दू चादर चढ़ाने जाते हैं वहाँ एक समय में दिल्ली-अजमेर के सम्राट पृथ्वीराज चौहान का शिवालय था। इसी जगह पर भगवान एकनाथ विराजमान थे। पृथ्वीराज चौहान के वंशजों के अलावा महाराणा प्रताप के वंशज भी बाबा भोलेनाथ को भगवान एकलिंग कह कर पुकारा करते थे। जब किन्हीं कारणों से सम्राट पृथ्वीराज चौहान जिहादी मोहम्मद गौरी से हार गए तब जिहादियों ने भारत में जिहाद को फैलाने के लिए भगवान एकलिंग के मंदिर का विध्वंस कर वहाँ अपनी मस्जिद बनवा दी। जो आज अजमेर शरीफ के नाम से जानी जाती है। यह अजमेर शरीफ किसी तरह के भाईचारे के लिए अस्तित्व में नहीं आया था बल्कि अजमेर और इस क्षेत्र में जिहाद फैलाने के लिए अस्तित्व में आया था। अब तो प्रमाण सामने आ चुके हैं। अब तो समझो। अब तो आप अजमेर शरीफ की शराफत देख चुके हैं। अब किस बात का इंतजार है। इतना हो जाने के बावजूद भी वहाँ चादर चढ़ाने जाओगे। अपनी मूर्खता का प्रदर्शन जारी रखोगे। शायद आप नहीं सुधरेंगे। आप भारत को अफगानिस्तान बना कर ही दम लेंगे। चिंता मत करो पाकिस्तान यानी जिहादिस्तान, अफगानिस्तान और चीन मिल कर एक दिन पूरे भारत को ही अजमेर शरीफ बना देंगे। होश में आओ। इन शरीफों से सावधान रहो। जिहादी शरीफ नहीं होते। ये खूंखार होते हैं। ये जिस तरह पशुओं को तड़फा-तड़फा कर गला रेत कर मारते हैं । उसी तरह ये हम-तुम को मारेंगे। ये हर बात में यानी बात-बात में जिहाद करते हैं। जहाँ ये कम होते हैं वहाँ ये विनम्र बने रहते हैं और जहाँ इनकी तादाद हिन्दू से ज्यादा हो जाती है वहाँ ये बब्बर शेर बन जाते हैं। बिहार से आ रहे प्रमाण आपको जिहाद की तबियत के बारे में सब कुछ बता देंगे। समय है तो जिहादियों के कारनामें देखो और समझो। समय नहीं है तो ठीक है भारत में कुछ ही सालों बाद हर दसवें भवन पर पाकिस्तान यानी जिहादिस्तान का झण्डा फुंकारता नजर आएगा। बिहार में फुलवारी शरीफ की शराफत का अध्ययन करो। आपको जिहाद का पूरा का पूरा पर्यावरण समझ में आ जाएगा। उदासीनता की झाँझ में रहे तो भारत मिट जाएगा। एक बार फिर बताते हैं कि 1947 में जिहाद हुआ था। तब नहीं समझे तो अब समझ जाओ। इतिहास पढ़ो और सच्चाई जानो।