-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव), पत्रकार,देहरादून
जब मनीष सिसोदिया को नानी याद आई तो वे महाराणा की शरण में जा बैठे। इससे पहले न तो उन्हें याद था और न हमें पता था कि वे महाराणा प्रताप के वंशज हैं। वैसे महाराणा प्रताप आक्रांता मुसलमानों को देखकर भड़क जाते थे। महाराणा प्रताप ने लगभग 26 साल वनवास में बिताया लेकिन अकबर की नाक में दम करके रखा। अकबर की रूह काँप उठती थी महाराणा प्रताप का नाम सुनकर। जबकि महाराणा प्रताप का यह कथित वंशज वोट के लिए औरंगजेब की पूजा करने वालो के तलवे चाटने को तैयार रहता है। महाराणा प्रताप के इस वंशज का बॉस अरविंद केजरीवाल तो औरंगजेब को पूजने वालों का दास है। भला ऐसे मनीष सिसोदिया की रगों में महाराणा प्रताप के वंश का खून हो सकता है? हरगिज नहीं हो सकता। यह कथित सिसोदिया वोट का भूखा है और उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री बनने का शौक रखता है। कहता है कि इनका मुकाबला सीधे प्रधानमंत्री मोदी से है। अरे, तुम लोग मोदी के एक नाखून के टुकड़े के बराबर नहीं हो। तुम्हारा उपनाम सिसोदिया होगा लेकिन तुम असली सिसोदिया नहीं हो सकते। जिस दिन तुम सिसोदिया जैसा हो जाएगे उस दिन तुम अमानुतुल्ला और इसके जैसों को कान पकड़कर पार्टी से बाहर कर दोगे। क्योंकि अमानुतुल्ला जैसे तुम्हारे विधायक विशुद्ध रूप से जिहाद पर काम कर रहे है। बहुत चतुराई के साथ काम कर रहे है। ठीक कह रहा है कपिल मिश्रा। कपिल मिश्रा के अनुसार औरंगजेब के तलवे चाटने वाले सिसोदिया वंश का अंश नहीं हो सकते। कपिल मिश्रा समझदार आदमी है। कपिल मिश्रा को इतिहास का ज्ञान है। वैसे भी इतिहास के ज्ञान के बिना हर भारतीय बे-पेंदी का लोटा है। जिसे जिहाद के खिलाफ खड़े होने में कोई रूचि नहीं है। दारू घोटाले में जब यह आदमी जेल जाएगा तभी इसे समझ आएगा कि घोटालाबाज कोई भी हो उसे अंजाम भुगतना ही होगा। अगर दारू घोटाले में और बस खरीद घोटाले में आप के मंत्री घोटालेबाज साबित हो जाते तो केजरीवाल को भी लपेटा जाना चाहिए। ये खुद को भगत सिंह की औलाद कहते हैं। अगर ऐसा है तो इन्हें बच्चों की तरह तमाशा नहीं करना चाहिए। चुपचाप कार्यवाही का सामना करना चाहिए। मनीष सिसोदिया का दावा है कि उसे भाजपा ने पार्टी तोड़ने को कहा। पार्टी तोड़ने पर सिसोदिया को मुख्यमंत्री बनाने का कथित ऑफर दिया गया है। सिसोदिया जी इन बचकाना हरकतों से तुम अपनी पोल खोल रहे हो। तुम लोगों ने साबित कर दिया है कि तुम लोग चवन्नी छाप हो। रेवड़ी बाज हो। तुम देश का भट्टा बैठाकर ही दम लोगे। क्योंकि लोग तुम्हारी रेवड़ियों को लपकने को तैयार बैठे हैं।