-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव), पत्रकार,देहरादून
जिहादी पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इण्डिया पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बैन तो लगा दिया है पर यह तो नाम पर लगा हुआ बैन है काम पर कौन बैन लगाएगा। जो काम पीएफआई आज कर रही है वह काम तो चौदह सौ सालों से चल रहा है। इस काम पर तो आज तक कोई बैन नहीं लगा पाया। बैन लगेगा भी कैसे। जब आप सच बोलने पर सच बोलने वाले का गला दबा देते हैं तो जिहाद के काम पर बैन कैसे लगेगा। जिहाद के काम पर बैन नहीं लग सकता। जिहाद के काम पर बैन लगाने के लिए भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना पड़ेगा। हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के लिए हिन्दू को जागना पड़ेगा। हिन्दू सो रहा है। वह नींद से उठना ही नहीं चाहता। कभी वह कानून की गोली खाकर सो जाता है तो कभी संविधान की गोली। जिहादियों को केवल एक बोली समझ में आती हैं जिसे कहते हैं डंडे की बोली। केन्द्र सरकार की प्रशंसा होनी चाहिए कि उसने इस जिहादी संगठन पर बैन लगा दिया लेकिन इसका लाभ नहीं होने वाला है। पहले इसका नाम सिम्मी था। अब इसका नाम पीएफआई हुआ। दो चार दिन बाद इसका नाम बदल जाएगा।नाम बदले या ना बदले काम नहीं बदलेगा। जिहाद की परिभाषा ही यह है कि जिहाद दिन रात चलता रहे। भारत के अधिकतर मुसलमान जिहाद में शामिल रहते हैं। इन्हें कोई भड़काता नहीं । जिहाद इनके खून में है। बस स्विच ऑन करना पड़ता है। जिहाद को समाप्त करने के लिए संविधान बदलना पड़ेगा। मदरसा शिक्षा पद्धति बंद करनी पड़ेगी। वक्फ बोर्ड को दिए गए असीमित अधिकार छीनने पड़ेगें। प्रेम से कुछ नहीं होगा। ताकत से होगा। देश की सेना कब काम आएगी। देश के सैनिक बेरोजगार बैठे हैं। इनको रोजगार मिल जाएगा। वेतन भत्ते तो मिल ही रहे हैं। इस सब के बावजूद केन्द्र सरकार को धन्यवाद।