-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव गौड़), पत्रकार,देहरादून
आज ब्रह्म मुहूर्त में तेगबहादुर मार्ग स्थित सागर गिरी महाराज आश्रम के आसपास के श्रद्धालुओं ने बड़े उत्साह के साथ दुर्गा पूजन का शंखनाद कर दिया। सुबह-सुबह माँ दुर्गा के भक्तों की टोली पारम्परिक वाद्यों के साथ तेगबहादुर मार्ग से चल कर श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर से लगे तरूण विहार पहुँची। इस शंखनाद अभियान में शंखनाद करने वाले स्वयं पूज्य महंत अनुपमा नंद गिरी महाराज हैं। साथ में पूज्य श्री शिवोहम बाबा अमिता नंद जी भी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देने के लिए विराजमान रहे। तरूण विहार में परम्परागत धार्मिक रीति का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने केले की पूजा की और केले के गुच्छे को माँ दुर्गा का जाप करते हुए नीचे उतारा। इस अवसर पर श्रद्धालु झूम उठे। गाजों बाजों के धार्मिक स्वर से वातावरण पवित्र हो गया। धूमधाम के साथ केले के गुच्छों को तेगबहादुर मार्ग स्थिति सागर गिरी महाराज के आश्रम में श्रद्धा पूर्वक लाया गया। भजन कीर्तन और नृत्य में मंदिर परिसर सराबोर हो गया। आरती की गई और दुर्गा पूजन श्री गणेश हुआ। इस दुर्गा पूजा में बंगाली बंधुओं की धार्मिक परम्पराओं को भी निभाया जाता है। क्या बंगाली, क्या गढ़वाली सभी इस धार्मिक समारोह में शामिल रहे। सायं 4.00 बजे श्रद्धालु माताएं एवं बहनें पावन कलश यात्रा में शामिल होने की तैयारियों में जुटी हैं। यह कलश यात्रा भव्य और दिव्य होगी। सुबह सवेरे जब केले का गुच्छा उतारा जा रहा था तब इन्द्र देव प्रसन्न होकर जल की बौछार कर रहे थे। ऐसा लग रहा था कि हम श्रद्धालुओं को इन्द्रदेव अपना आशीर्वाद दे रहे थे। अब सांय 4.00 बजे क्या होता है पता नहीं किन्तु यह तय है कि कलश यात्रा समर्पण भाव से निकाली जाएगी। माताओं बहनों में कलश यात्रा के लिए जबर्दस्त उत्साह दिखाई दे रहा है। यह धर्म यज्ञ अक्टूबर 5 तक चलता रहेगा। इस दौरान माता दुर्गा की पूजा अर्चना जारी रहेगी। कल से सागर गिरी आश्रम में भागवत भी शुरू होने जा रही है। इस भागवत की व्यास पीठ पर पूज्य श्री शिवोहम बाबा अमिता नंद जी विराजमान रहेंगे । दुर्गा पूजन के साथ भागवत पूजन भी चलता रहेगा। सुबह केला पूजन यात्रा में कई श्रद्धालु शामिल रहे। श्रद्धालुओं को यह जानकर प्रसन्नता होगी कि 3 अक्टूबर के दिन माता का जागरण आयोजित होगा और 4 अक्टूबर के दिन भव्य भंडारा सम्पन्न किया जाएगा। माता दुर्गा का आशीर्वाद हम सब पर बना रहे।