-वीरेन्द्र देव गौड़, पत्रकार, देहरादून
साभार -नेशनल वार्ता न्यूज़
कुछ मौलवी, मुफ्ती और काजियाना लोग सामने आकर कह रहे हैं कि कौम के नौजवानों और बच्चों को भड़काने वाले लोग ओवैसी और मदनी जैसे लोग हैं। यह सरासर लोमड़ी चाल है। इसी लोमड़ी चाल में हिन्दू चौदह सौ सालों से फँसा हुआ है। हिन्दू तो इस जाल से बाहर निकलने को तैयार ही नहीं है। उसे अगर इस जाले से बाहर निकालने की कोशिश करो तो वह ताव में आकर कहता है हिन्दू मुसलमान मत करो। समझाने वाला अपना सा मुँह लेकर रह जाता है। समझाने वाला समझ जाता है कि हिन्दू अपनी नासमझी से बाहर आने को तैयार नहीं है। मगर यह सूरत-ए-हाल बदलना चाहिए। अब छोटे से रह गए भारत को बचाने के अलावा हमारे पास दूसरा काम नहीं होना चाहिए। वे सुधरेंगे नहीं। हम समझेंगे नहीं। तो देश कैसे बचेगा। गुजरे 72 सालों में देश के दो हाथ काटे जा चुके हैं। आधार है मजहब और कुछ नहीं। मजहब की यह 14 सौ साल पुरानी बेचैनी कैसे दूर होगी। जवाब है हिन्दू के जागने पर दूर होगी। परन्तु हिन्दू जाग नहीं रहा है वह तो भाग रहा है सच्चाई से। जिसका नतीजा है जुम्मा जिहाद। कुछ मौलाना बिलबिलाकर बाहर निकल रहे हैं और अपने लड़कों एवं नौजवानों का बचाव कर रहे हैं। यह चाल बहुत सोची समझी और गहरी है। जिहादिस्तान यानी पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान यानी आने वाले दिनों का दूसरा जिहादिस्तान, इन दोनों को मिला दें तो इनसे ज्यादा जिहादी भारत में फलफूल रहे हैं। ये जिहादी नवाब बन कर रहते हैं। हिन्दुओं से अच्छे कपड़े पहनते हैं। मौलवी, काजी और मुफ्ती कहलाते हैं। ये ही इन लड़कों और नौजवानों को बहकाते हैं और भड़काते हैं। भारत में हर दूसरा मुसलमान ओवैसी और मदनी बन चुका है। अरे मौलानाओ किस-किस की गिनती कराओगे। इतिहास के नादान हिन्दू को कब तक भरमाओगे। तुम सबका एक ही मकसद है अपने पाक खुदा को प्रसन्न करना और चाँद तारे वाले खास कपड़े के टुकड़े को संसार के चप्पे-चप्पे पर लहराना। हे भारत अगर जीना चाहते हो तो बड़का इजराइल बन जाओ। वरना उलझे रहो और मिटते रहो। प्रयागराज में एक जिहादी के घर पर बुलडोजर क्या चला कि भारत के जिहादी बिलबिला उठे हैं। भारत की अदालतें भी शायद इन्हीं बिलबिलाए जिहादियों का साथ दें। मगर हिन्दू तू जाग। तू अपनी ताकत को पहचान। क्या सहारनपुर क्या कानपुर, क्या पश्चिम बंगाल और क्या कश्मीर। तू खतरे में है। जाग जा। अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए कृपया जाग जा। संविधान तो बनते बिगड़ते रहेंगे देश एक ही बचा है। सँभल जा। एक योगी या एक मोदी कितना कर लेगा। कब तक कर लेगा। देश में सुल्ताना ममताओं, शरद पंवारों, केजरूद्दीनों और अशोक गहलोतों की तादाद तेजी से बढ़ रही है।