साभार-नेशनल वार्ता न्यूज़
बागेश्वर बालाजी धाम छतरपुर मध्य प्रदेश विरोधियों की आँखों में खटक रहे हैं। धीरेन्द्र शास्त्री के पूज्य दादा जी हनुमान जी के अनन्य भक्त थे। उन्हें सिद्धियाँ प्राप्त थीं। पं0 धीरेन्द्र शास्त्री के दावे के अनुसार उन्हें हनुमान जी ने चार या पाँच बार दर्शन भी दिए थे। उन्होंने अपने पोते धीरेन्द्र शास्त्री की राम और हनुमान के चरणों में भक्ति देख कर अपना शिष्य बना लिया। उन्होंने यानी धीरेन्द्र शास्त्री के दादा ने ही धीरेन्द्र शास्त्री को ध्यान योग की शिक्षा दी। पं0 धीरेन्द्र शास्त्री ने दादा के जीवित रहते ध्यान योग शक्ति प्राप्त कर ली थी। जिसे लोग चमत्कार मान रहे हैं। यह बाला जी यानी हनुमान जी की उन पर असीम कृपा का ही नतीजा है कि वे यह जान लेते हैं कि पण्डाल मेें कौन व्यक्ति सच्ची श्रद्धा से और कौन व्यक्ति उन्हें आजमाने के लिए बैठा है। वे ध्यान योग से यह भी भाँप लेते हैं कि आने वाला व्यक्ति किन समस्याओं से पीड़ित है और वह कौन सी समस्याएं लिख कर आया है। वे यह भी बता देते हैं कि व्यक्ति समस्याएं मोबाइल में टाइप करके लाया है या फिर कागज में लिख कर लाया है। वे बार-बार कह रहे हैं कि वे बंद कमरे में यह सब नहीं करते। वे तो खुले दरबार में यह सब करते हैं। दिल्ली के लगभग सभी पत्रकारों ने उनका अपने-अपने तरीके से परीक्षण कर लिया है। फिर चमत्कार या जादू टोने की गुंजाइश कहाँ रह जाती है। वे तो स्वयं बार-बार दोहराते हैं कि उन्हें जादू टोना, झाड़फूक और चमत्कार से कोई लेना देना नहीं है। वे कहते हैं कि वे ये सब करने वालों के शोषण से पीड़ितों को बचाना चाहते हैं। फिर भी पत्रकार बिरादरी उन पर आंशिक रूप से ही भरोसा कर पा रही है। यह श्रद्धा का प्रश्न भी नहीं रहा। यह भगवान में अटूट विश्वास का प्रश्न है। जो भगवान में यानी श्रीराम और उनके दूत श्री हनुमान में अटूट विश्वास रखते हैं उनके लिए यह साधारण बात है। हालाँकि यह सिद्धि प्राप्त करना असाधारण है। इसके लिए अटूट समर्पण चाहिए। जो समर्पण पं0 धीरेन्द्र शास्त्री में स्पष्ट दिखाई दे रहा है। पं0 धीरेन्द्र शास्त्री दहाड़ रहे हैं कि जो भी उनका विरोध कर रहा है वह करे। विरोधियों का सामना किया जाएगा। वे स्वयं को हिन्दू बब्बर शेर कर रहे हैं। उनका स्पष्ट मत है कि वे हिन्दू को श्रीराम और श्री हनुमान से जोड़ कर रहेंगे। इस काम में बागेश्वर बाला जी धाम का उन्हें आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है। वे कहते हैं कि यह कोई चमत्कार नहीं है। इसके लिए व्यक्ति को सरल होना पड़ता है। वे यह भी कहते हैं कि श्रीराम के दूत भगवान हनुमान कलयुग के राजा हैं। उनकी शक्ति का लोगों को वे अहसास करा कर ही दम लेंगे। उनका कहना है कि भारत हिन्दू राष्ट्र है और रहेगा बस घोषणा भर की देरी है। पं0 धीरेन्द्र शास्त्री यह भी दावा कर रहे हैं कि वे संविधान के अनुच्छेद 25 के अनुसार अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं। विरोधियों के विरोध के बाद तो अब वे और भी अधिक ताकत से हिन्दू को एकजुट करेंगे। यही उनका उद्देश्य है। -वीरेन्द्र देव गौड़ एवं एम एस चौहान