Monday, June 5, 2023
spot_img

गजवा-ए-हिन्द

हिन्दू तेरे मिटने की रफ्तार तेज है
तेरी तबाही की सज रही सेज है
तू जिस नशे में
उसे आत्मदाह कहते हैं
तेरी ये मूर्खता हैरतअंगेज है।
जिससे तेरा सामना है वह चंगेज है
जो तुझे घेर चुका वह तैमूर है
आज भी आदर्श उनका औरंगजेब है
अलाउद्दीन खिलजी उनका जिहाद से लबरेज है।
ऐसा कोई नगर नहीं जहाँ कश्मीर न हो
ऐसा कोई कस्बा नहीं जहाँ कैराना न हो
गली-गली डगर-डगर चक्रव्यूह रच गया
हिन्दू लापरवाह तू जिहादी दलदल में फँस गया।
विश्व गुरु बनने का सपना तेरा निराधार है
तेरे नीचे से खिसक रहा सारा आधार है
जिहादी सेनाएं तुझे रौंदने को आतुर हैं
तू है कि इस भूकंप को भुलाने को तैयार है
सँभलने का तेरा इरादा दूर-दूर तक कहीं नहीं
आने वाली पीढ़ियों को नर्क में तू झोंके जा रहा
गजवा-ए-हिन्द का तू खुराक बन रहा
समय है अभी भी मैं तुझे बता रहा
हिन्दू तेरा स्वार्थ हिन्दू को खा रहा
तलवार तनी है तू भी तलवार तान ले
हिन्दू राष्ट्र के लिए रण ठान ले।
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीेरेन्द्र देव गौड़) पत्रकार
9528727656

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,800FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles