जेलेंसकी ने कबूला की वे तबाही की राह पर
-युगीन संवाद ब्यूरो-
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंसकी समझ चुके हैं कि अब उनका रूस के सामने अधिक दिन तक टिक पाना मुमकिन नहीं। वे हताशा की भंवर में फँसते जा रहे हैं। उन्होंने यूरोप के अपने चहेतों को स्पष्ट कर दिया है कि वे अब कुछ दिन के मेहमान हैं। अब उनसे उनकी हताशा छिपाए नहीं छिप रही है। इस बात से स्पष्ट है कि वे रूस की ताकत को अब समझ चुके हैं। भले ही वे आत्मसमर्पण (surrender) करने की बजाय रूस को धमकाने की नीति पर चल रहे हैं परन्तु उन्हें अपनी बर्बादी साफ दिखाई दे रही है। पोलैन्ड यूक्रेन की सैन्य मदद के लिए उतावला दिखाई दे रहा है। रूस की इस घोषणा के बावजूद कि यूक्रेन का युद्ध में साथ देने वाला देश उनका दुश्मन होगा पोलैन्ड इस तरह का रवैया अपना कर आग में घी डालने का काम कर रहा है। पोलैन्ड को ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि यह विश्व युद्ध की ओर ले जाने वाली पहल हो सकती है। रूस ने कई बार साफ कर दिया है कि वह अपना अभियान पूरा करके ही रहेगा। उसका अभियान है यूक्रेन का नेटो से मोह भंग करना। यूक्रेन के राष्ट्रपति को अपनी भलाई के लिए युद्ध विराम की पहल करनी चाहिए। रूस से बात करनी चाहिए और नेटो वाली जिद्द छोड़ देनी चाहिए। यूक्रेन की बर्बादी पर पूर्ण विराम लगना चाहिए। जेलेंसकी को समझदारी से काम लेना चाहिए।
जेलेंसकी की हताशा बाहर आई
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