नेटो की धोखेबाजी पर जेलेन्सकी का आक्रोश
-युगीन संवाद ब्यूरो-
यूक्रेन के राष्ट्रपति को आखिर बात समझ में आ गई कि नेटो उन्हें कठपुतला मान कर चल रहा था। लेकिन अब तो बहुत देर हो चुकी है। जेलेन्सकी अमेरिका पर आँख बन्द कर भरोसा कर रहे थे। पुतिन उन्हें बार-बार इशारा कर रहे थे परन्तु जेलेन्सकी अमेरिका भक्ति में अन्धे हो गए थे। जेलेन्सकी अमेरिका पर भरोसा कर रहे थे और अमेरिका यूरोपीय देशों को अपने पाले में रखने की कोशिशें कर रहा था। यह सब अभी भी चल रहा है। लेकिन जेलेन्सकी इस कूटनीति पर भड़क गए हैं। उन्होंने दो टूक कह दिया है कि अगर यूक्रेन नहीं बचेगा तो तुम सब भी नहीं बचोगे। उनके इस तुम में यूरोप सहित अमेरिका भी शामिल है। इन सब देशों ने यूक्रेन को ढाल बना दिया है। इस ढाल के पीछे खड़े होकर अमेरिका और यूरोप के नेता बातों के तीर कस-कस कर चला रहे हैें। रूस की चोट से यूक्रेन की ढाल निढाल होती जा रही है। जेलेन्सकी का धैर्य जवाब देने लगा है। रूस के कुछ टैंक फोड़ देने और कुछ लड़ाकू जहाज गिरा देने से रूस पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। जेलेन्सकी को सीधे-सीधे पुतिन से संवाद करना चाहिए। इस संवाद से ही रास्ता साफ हो सकता है। पुतिन ही जेलेन्सकी के काम आ सकते हैं। पुतिन जेलेन्सकी के दुश्मन नहीं हैं किन्तु पुतिन यूरोप और अमेरिका की कूटनीति को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं। पुतिन अपने देश के भविष्य को दाँव पर नहीं लगा सकते। समय रहते जेलेन्सकी को अपनी जिद्द छोड़ देनी चाहिए। आखिर उनके देश के लोगों की भलाई का जिम्मा है उनके कंधों पर। जेलेन्सकी जितना देर करेंगे उतना ही यूक्रेन बर्बाद होता चला जाएगा।