उत्तराखण्ड में चाहिए कर्मठ मुख्यमंत्री
साभार-नेशनल वार्ता
उत्तराखण्ड को एक कर्मठ मुख्यमंत्री की दरकार है। मुख्यमंत्री दिन रात काम करने वाला चाहिए यह उत्तराखण्ड की पुकार है। क्या उत्तराखण्ड का इंतजार रंग लाएगा। राज्य चहुमुखी विकास की बाट जो रहा है जिसके लिए कर्मठ नेता चाहिए। जो दिन रात काम करे योगी जी की तरह। योगी जी शपथ से पहले ही काम पर हैं। वे एक सेकेण्ड भी बेकार नहीं जाने देते। प्रदेश को ऐसा मुख्यमंत्री चाहिए जो पूरे पाँच साल जमकर काम करे। प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं को तेजी से जमीन पर उतारे। मौलिकता का परिचय दे। प्रदेश को मूलभूत सुविधाओं और जरूरतों से लैस करे। प्रदेश में धर्माटन और पर्यटन का खूब विकास करे। प्रदेश की फल पट्टियों में फलों के उत्पादन को दो गुना तीन गुना करे। प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करे। राजनीति का धुरंधर हो। जिसे सोचना भी आता हो और फैसले लेने की भी हिम्मत हो। जो पुलिस व्यवस्था को ईमानदारी के रास्ते पर ला सके। पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पूर्व शिक्षा एवं मानव संसाधन मंत्री आज भी ऊर्जा से भरे हुए हैं। वे पूरे उत्साह के साथ काम करते हैं। कड़ा परिश्रम करने के आदी हैं। क्या उनकी वापसी संभव है। उत्तराखण्ड के लोगों को तो काम चाहिए। अगले चुनाव में वे भाजपा को काम के तराजू पर कड़ाई से तोलेंगे। इसलिए प्रदेश में एक अनुभवी मुख्यमंत्री की जरूरत है। कई जाने पहचाने चेहरे सीएम की दौड़ में है। अनिल बलूनी की छवि राज्य में अच्छी है और उनका अपना व्यक्तिगत रिकॉर्ड भी चकाचक है। यह भी कहा जा रहा कि अपनी सीट हारे पुष्कर सिंह धामी का रूतबा भी बरकरार है। ऐसी स्थिति में दावे से कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन जिन्हें फैसला करना है उनके सामने चुनौती यह है कि पिछली बार की तरह बार-बार मुख्यमंत्री को बदलना न पड़े। इस अदला-बदली ने बीजेपी की साख पर बट्टा लगाया है। जिसके चलते चुनाव के समय लहर नहीं थी। मतदाताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के भरोसे पर भाजपा को दोबारा सत्ता सौंपी है।
-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव), पत्रकार, देहरादून।
क्या उत्तराखण्ड को चाहिए डॉ निशंक जैसा सीएम
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