Friday, November 22, 2024
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पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ का राष्ट्र बचाओ अभियान

सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव गौड़) एवं एम0 एस0 चौहान
पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ का राष्ट्र बचाओ अभियान जोरों पर चल रहा है। राष्ट्र को ऐसे अभियानों की जरूरत है। पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ एक ऐसे समूह का हिस्सा हैं जिसमें रिटायर्ड मेजर जनरल जी डी बख्शी, प्रोफेसर सुशील पंडित, रिटायर्ड कर्नल आर एस एन सिंह, प्रोफेसर कपिल कुमार जैसे विद्वान और देशभक्त शामिल हैं। यह समूह राष्ट्र के हित में प्रयासरत रहता है। सुशील पंडित कश्मीर जिहाद से पीड़ित भुक्तभोगी हैं। जी डी बख्शी सेना के बहुत बड़े अधिकारी रह चुके हैं। कर्नल सिंह सेना के वरिष्ठ अधिकारी तो रहे ही हैं साथ में वे रिसर्च एण्ड एनालिसिस (रौ) के वरिष्ठ अधिकारी भी रह चुके हैं। पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ पाकिस्तान में कई साल रह चुके हैं। वे पाकिस्तान यानी जिहादिस्तान की रग-रग से वाकिफ हैं। वे देश के वरिष्ठ पत्रकार हैं जो बहुत ऊँचे दर्जे के वक्ता भी हैं। इनका ज्ञान और इनकी तेजस्विता का पत्रकार जगत में कोई सानी नहीं है। इनके अन्दर देशप्रेम कूट-कूट कर भरा है। कुछ लोग यह मान कर चलते हैं कि ये भाजपा का पक्ष लेते हैं। सच यह है कि श्री कुलश्रेष्ठ किसी का पक्ष नहीं लेते। वे निष्पक्ष होकर तथ्यों के आधार पर सच और केवल सच बोलते हैं। कई बार वे भाजपा के खिलाफ भी बोलते हैं। पत्रकार को ऐसा ही होना चाहिए। सुशील पंडित ने जेएनयू से अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में पीएचडी प्राप्त की। इस तरह यह समूह विद्वानों का समूह है। जिसे देश के भूतकाल, वर्तमान काल और भविष्य की अच्छी समझ है।  पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ को जिहादी मानसिकता वाले लोग पानी पी-पी कर कोसते हैं। जिन्हें राष्ट्र की चिंता है। जो हिन्दू को मिटते हुए नहीं देखना चाहते वे पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ को बहुत पसंद करते हैं। पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ में तथ्यों को समझाने की कला बेजोड़ है। वे किसी लालच में ऐसा नहीं करते। उन्हें किसी पद की लालसा भी नहीं। इसीलिए, उत्तर भारत के लोग जगह-जगह उन्हें भाषण देने के लिए बुलाते हैं। उनका भाषण चुम्बक की तरह लोगों को खींचता है। राष्ट्र के लिए बोलना किसी चुनौती से कम नहीं होता। जो राष्ट्र के लिए बोलता है उसे लोग कटघरे में खड़ा कर देते हैं। लेकिन पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ को किसी से डर नहीं लगता। आज देश को ऐसे ही विशेषज्ञों की जरूरत है जो हिन्दुओं में जागृति पैदा कर सके । पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ अपने भाषणों में स्पष्ट कहते हैं कि तर्क का जवाब तर्क और तलवार का जवाब तलवार ही होता है। श्री सिंह जो मूलरूप से पटना के हैं भारत की असलियत बहुत अच्छी तरह समझते हैं। वे सिद्धहस्त लेखक भी हैं। वे भी सुशील पंडित और पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ की तरह विद्वता के स्वामी हैं। देशभक्ति से परिपूर्ण हैं। लोगों को इनकी बातों को गंभीरता से लेना होगा। हिन्दू का हिन्दुत्व बचेगा तो सनातन धर्म बचेगा और यदि सनातन धर्म बचेगा तो भारत बचेगा। यही है राष्ट्र की नीति। इसी नीति पर चल कर भारत को हम अनंत काल तक सुरक्षित रख पाएंगे। इस समूह में सबसे प्रखर वक्ता पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ ही हैं। उनका कोई पूर्वाग्रह नहीं है। आने वाली पीढ़ियों के लिए भारत राष्ट्र सुरक्षित रहे यही इनकी चिंता है। भारत के पत्रकारों को भी इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।

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