Friday, March 29, 2024

अजमेर शरीफ की शराफत के क्या कहने

अजमेर शरीफ
दुष्टिकरण के खलनायक हो
अशोक गहलोत तुम बढ़िया
जिहादी खादिम सलमान चिश्ती पर
लुटा रहे हो प्यार-मोहब्बत का दरिया
नूपुर का गला कट जाए
क्या फर्क पड़ता है
अंजाम यही होता है जो नबी से लड़ता है
नबी है पाक अल्लाह ताला की शान
इन पर उठा दी ऊँगली गलती से तो भी
गंवानी होगी जान
हिन्दू के देवी-देवता तो हैं
कम्यूनल सब के सब
पत्थर और कागज से बदत्तर हैं
इनके दल के दल
सर तन से जुदा करने का
नारा है सबसे प्यारा
इस नारे की ताकत से
जमाना हमसे हारा
कभी भारत के सुप्रीम कोर्ट ने गलती से भी
क्या किसी जिहादी को लताड़ा
सुप्रीम कोर्ट को भी तो शरियत लगता है प्यारा
अशोक गहलोत तुम अजमेर शरीफ से मिलकर
भारत में शराफत फैलाओ
महाराणा प्रताप के भक्तों को
कन्हैया कांड से दहलाओ
पोप चलेगा
खलीफा दौड़ेगा
राम-हनुमान हैं गाली
इस्लाम के ईमान पर दो सब मिलकर ताली
स्वतंत्र हो कुछ भी करने को
उपलब्ध है दुर्गा और काली
नबी को कुछ कहा तो मौत मिलेगी चाकू-छूरों वाली।


-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव), पत्रकार,देहरादून।

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