Thursday, October 31, 2024
Homeधर्मसागर गिरि आश्रम प्रभात फेरी की पाँचवी सुबह

सागर गिरि आश्रम प्रभात फेरी की पाँचवी सुबह

-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव), पत्रकार,देहरादून

सागर गिरि आश्रम से जुड़े पूज्य महन्त अनुपमा नंद गिरि महाराज के प्रयासों से आश्रम से प्रभात फेरियों का आयोजन हो रहा है। आज प्रभात फेरी अभियान के पाँचवें दिन सुबह पाँच बजते ही तेगबहादुर रोड के श्रद्धालु सागर गिरी आश्रम की ओर उमड़ पड़े। प्रभात फेरी में देवी देवताओं को एक रथ विराजमान कर झाँकी के रूप में पूजा पाठ के साथ प्रभात फेरी का श्री गणेश हुआ। आसपास की महिला श्रद्धालु, पुरूष श्रद्धालु और नौजवान इस प्रभात फेरी में पूरे हर्षोल्लास के साथ शामिल हुए। प्रभात फेरी रोज की तरह सागर गिरी आश्रम में देवी देवताओं के पूजन के साथ-साथ पूज्य सागर गिरी महाराज 1008 की समाधि पर नमन के साथ निकली। सागर गिरी आश्रम से नेहरू कॉलोनी रिंग रोड से भक्तों की टोली भजन कीर्तन करती हुई, झूमती गाती हुई फव्वारा चौराहे की ओर निकली। इस चौक से भक्तों की मण्डली तेगबहादुर मार्ग से होती हुई भक्त एम0एस0 चौहान के घर पहुँची। श्री चौहान के घर छत पर सजे पण्डाल में देवी देवताओं के चरणों में भजन कीर्तन चलता रहा। इस पूरे धार्मिक समारोह को पूज्य महंत अनुपमा नन्द गिरी महाराज और पूज्य व्यास शिवोहम बाबा दिशा दे रहे थे। इन संतों की छत्रछाया में देवी देवताओं के परम आशीर्वाद से क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने सत्संग का भी लाभ उठाया। लगभग एक घंटे के इस धार्मिक समारोह में श्रद्धालु भगवत भजन में खोए रहे। समापन के अवसर पर रोज की तरह आरती सम्पन्न की गई। इस धार्मिक समारोह से क्षेत्र का वातावरण अध्यात्मिकता से ओतप्रोत रहा। कल पुनः प्रातः 5 बजे से इसी धार्मिक समारोह का आयोजन होगा। कल यह धार्मिक प्रभात फेरी श्री विजयपाल शर्मा जी के पवित्र निवास पर रोज की तरह सम्पन्न होगी। क्षेत्र के लोग इस धार्मिक प्रभात फेरी में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। प्रातः पाँच बजे जब यह धार्मिक प्रभात फेरी सागर गिरी आश्रम से निकली तो आसपास के दर्शक भावविभोर हो गए। पूज्य अनुपमा नंद गिरी महाराज ने आरती से पहले हुए प्रवचन में श्रद्धालुओं को याद दिलाया कि सनातन हिन्दू परम्परा में ऐसे धार्मिक जागरण अभियान होते रहे हैं और होते रहने चाहिएं। ऐसे धार्मिक कार्यक्रम श्रद्धालुओें को ना केवल सनतन हिन्दू परम्पराओं से अवगत कराते हैं बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था वृद्धि होती है और परमेश्वर की कृपा से जीवन सुखी होता है। शांति, सद्भावना और कुशलता के लिए ऐसे धार्मिक आयोजन होते रहने चाहिएं। प्रभात की बेला में ऐसे धार्मिक योजना से परिवारों में सुख-शांति का वातावरण बनता है। ऐसी प्रभात फेरी आयोजन पूरे कार्तिक माह चलता रहेगा और श्रद्धालुओं ने चाहा तो कार्तिक माह के बाद भी यह धार्मिक कार्यक्रम जारी रहेगा। श्रद्धालुओं के रुझान को देखकर ऐसा लगता है कि यह धार्मिक परंपरा सबको पसंद आ रही है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -


Most Popular

Recent Comments