रूस की मदद मिलेगी क्या
-वीरेन्द्र देव गौड, पत्रकार, देहरादून
प्रधानमंत्री मोदी ने करीब 24 घण्टे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से खारकीव शहर से भारतीयों को सुरक्षित निकालने के मामले में फोन पर बात की। जिसके फलस्वरूप रूसी अफसरों ने स्वीकारा की वे भारतीय विद्यार्थियों को खारकीव से निकालने के लिए हर संभव मदद करेंगे। इसके बावजूद खारकीव से विद्यार्थियों के सुरक्षित निकल पाने कि सूचना अभी तक स्पष्ट नहीं है। इस काम में कितनी सफलता मिली है और खारकीव के विद्यार्थी अगर रूस की तरफ निकले हैं तो वे इस वक्त कहाँ हैं-इस बात की सूचना नहीं है। हालाँकि रूस अपनी बात पर अमल करेगा क्योंकि भारत से रूस के सम्बन्ध सामन्य हैं। यह सम्बन्ध मौजूदा हालातों की भेंट नहीं चढ़े हैं। मौजूदा हालात के लिए कोई एक पक्ष दोषी नहीं है। मामला बहुत पेचीदा है। बहरहाल, मोदी सरकार के लिए खारकीव ही नहीं पूरे यूक्रेन से भारतीयों को सुरक्षित घर लाना पहली प्राथमिकता है। इस मुद्दे पर भारत सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है। मोदी सरकार की तत्परता से ऐसा लग रहा है कि इस चुनौतीपूर्ण काम में भारत सरकार को 99.99 प्रतिशत सफलता मिलेगी।