ए एम यू से जिन्ना को हटाया जाए
युगीन संवाद ब्यूरो
अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी और जवाहर लाल नेहरू युनिवर्सिटी का देश में बहुत नाम है। वैज्ञानिक पैदा करने के लिए नहीं। माँ भारती को गाली देने वालों को पैदा करने के लिए। ये दोनों विश्वविद्यालय विख्यात नहीं कुख्यात हैं। जब भी ये सुर्खियों में होते हैं तो वजह एक ही होती है। भारत विरोध और भारत के सपूतों को गाली। ये लोग भारत के देवी देवताओं को गाली देकर सीना फुलाते हैं। जिहादी इनके अगल बगल खड़े होकर तालियाँ पीटते हैं। इसी टोली में नया नाम जुड़ गया है जितेन्द्र कुमार का। जितेन्द्र कुमार ने हिन्दूओं के सबसे बड़े देवता को बलात्कारी कह दिया। इसे सहायक प्रोफेसर कहा जा रहा है। हो सकता है कि इसी तरह के किसी शोध पर इसे डॉक्टरेट की उपाधि दी गयी हो। ये है भारत के पढ़े लिखे नौजवानों का रवैया। कमियाँ है तो हिन्दू देवी देवताओं में। बाकी मजहबों में इन्हें कोई कमी नजर नहीं आती। यही है भारत के साम्यवादियों और जिहादियों का अजेन्डा। कह रहे हैं कि जितेन्द्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस गिरफ्तारी से होगा क्या। जितेन्द्र कुमार जिहादियों और वामपंथियों की नजरों में नायक बन चुका है। कुछ समय बाद आ जाएगा जेल से बाहर। भारत के कानूनों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं कि इसे दस बीस सालों तक जेल में रखा जा सके। जितेन्द्र कुमार का भविष्य उज्ज्वल है। अंधकार में है भारत की आने वाली पीढ़ियों का भविष्य। खासकर वे जो हिन्दू हैं। जब तक अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विद्यालय से देश तोड़ने वाले जिहादी जिन्ना की मूर्ति और चित्र को बाहर नहीं फेंका जाएगा तब तक यह संस्थान भारत के खिलाफ जहर उगलता रहेगा। जब तक देश के इन संस्थानों को लेकर अलग से सख्त कानून नहीं बनते तब तक यहाँ भारत विरोधी ही पैदा होते रहेंगे। इन सेक्युलर भारत विरोधियों से देश की रक्षा करनी है तो इनके विरूद्ध नरमी से काम नहीं चलेगा बल्कि गरमी दिखानी पड़ेगी।
जितेन्द्र कुमार का भगवान जिन्ना
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