साभार-नेशनल वार्ता न्यूज़
सुल्ताना ममता जिहादियों के वोट प्रेम में दिवानी है। दिल्ली का मुख्यमंत्री मो0 केजरूद्दीन इसी प्रेम का परवाना है। दोनों को पता है कि जिहादी मानसिकता के मुसलमान वोट नहीं देंगे तो ये धड़ाम से गिर जाएंगे। सुल्ताना ममता कह रही है कि भाजपा का पाप है इसलिए पश्चिम बंगाल में जुम्मा जिहाद कहर बरपा रहा है। वह कह रही है कि वह जिहादी वोट बैंक को नाराज करने की गुस्ताखी कैसे कर सकती है। हाय-हाय, ये कैसी बेबसी है। कैसी लाचारी है। बेचारी सुल्ताना ममता हमसे तुम्हारी बेचारगी देखी नहीं जाती। तुमने अपनी पुलिस को यह आर्डर दे रखा है कि देश की सम्पत्ति जलकर राख हो जाए। हिन्दू कितने भी मार दिए जाएं। उजाड़ दिए जाएं। पर जिहादी वोट बैंक के किसी जिहादी पर खबरदार जो डंडा उठाया। ऐसा मत कर देना। कयामत आ जाएगी। वाह री सुल्ताना तूने तो, कांग्रेसियों, सपाइयों, बसपाइयों, वामपंथियों, राष्ट्रवादी कांग्रेस वादियों और वगैरह-वगैरह को बहुत पीछे छोड़ दिया। तेरा और तेरे भाई मौ0 केजरूद्दीन का कम्पटीशन बहुत टफ है। दोनों को किसी न किसी कीमत पर प्रधानमंत्री बनना है। अरे बेरहमों, कम से कम 80 बरस के कुटुम्बबाज, भ्रष्टाचार के पूज्य देवता शरद पंवार की लाज का तो ध्यान रखो। उसकी उमर निकली जा रही है। उसे प्रधानमंत्री बनाने की सोचो। वो अभी भी तिकड़में भिड़ा रहा है। देश प्रेमियों को देश प्रेमियों से लड़ा रहा है। वोट के लिए जिहादी नवाब मलिक जैसे लोगों को पाल रहा है। जिसके राजनीतिक गैंग में अनिल देशमुख जैसे भ्रष्टाचारी सुशोभित हैं। जो पुलिस के द्वारा उगाही को परमार्थ मानकर चलते हैं। जो राजा बन कर रहते हैं। पुलिस को लूटगर्दी के दाँवपेंच सिखाते हैं। कम से कम ऐसे महानुभावों का लिहाज करो। मो0 केजरूद्दीन को लगता है कि भारत में तो क्या दुनिया के किसी भी हिस्से में जिहाद और जिहादी आतंक जैसा कुछ भी नहीं है। झुग्गीवाले जैसे लोग तो पागल हैं। इन्हें भी जेल भेज देना चाहिए। सुरेश चौव्हानके तो बेसुरा है। दो हजार एफआईआर ठोक दी गयी हैं जिहादियों के द्वारा चौव्हानके पर लेकिन ये निर्लज्ज बाज ही नहीं आ रहा है। पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ बदतमीज है। पत्रकार कहलाने लायक नहीं है। इसे जिहाद और जिहादी आतंक के साथ मिलजुल कर रहना नहीं आता। इसे भी कारागार में होना चाहिए। ये सबके सब सैक्युलरिज्म के दुश्मन हैं। ये गंगा जमुनी तहजीब के शत्रु हैं। ये जीवित रहने लायक नहीं हैं। भारत के राजनीतिज्ञ बहुत अच्छे हैं। ये ना तो जिहाद बोलते हैं और ना ही जिहादी आतंक जैसे शब्द बोलते हैं। ये बेचारे सत्ता के लोभी किसी ऋषि मुनि से कम नहीं। इन लोगों को राजनीतिक दलों के लोगों से शिक्षा लेनी चाहिए। जनरल बख्शी और इनके एक साथी अवकाश प्राप्त कर्नल ए0के0 सिंह फालतू लोग हैं। ये देश प्रेम के नशे में रहते हैं। इन नशाखोरों को सबक सिखाया जाना चाहिए। ये सबके सब हिन्दू मुस्लिम भाईचारे के लिए खतरनाक हैं। ये कहते हैं कि हिन्दू चारा है और मुसलमान भाई है। मुसलमान हिन्दू को चर रहे हैं। बताइये, ये कोई तर्क है। ये सब नल्ले मुसलमानों पर तोहमत लगाते फिरते हैं। अरे भाई मुसलमानों को बात-बात में गुस्सा आ जाता है और वे पेट्रोल बम और पत्थर उठा लेते हैं। वैसे तो ये बहुत मासूम होते हैं। ये तो अपने पाक परवरदिगार के आदेश पर जुम्मा जिहाद कर लेते हैं। इन्हें बाकायदा भारत रत्न दिया जाना चाहिए। साथ में सुल्ताना ममता, मो0 केजरूद्दीन और मुलायम लालू कुटुम्ब को माँ भारती के सुपुत्र का खिताब मिलना चाहिए। वामपंथियों को शेर-ए-भारत का पुरस्कार मिलना चाहिए।
सुल्ताना का जिहादी प्यार केजरूद्दीन का साफ इनकार
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