-वीरेन्द्र देव गौड़, पत्रकार, देहरादून
जिला बहराइच उत्तर-प्रदेश में एक दूल्हे ने इतिहास रचाया। इसके लिए उसे कोई हैरतअंगेज काम नहीं करना पड़ा। किसी परीक्षा को टॉप नहीं करना पड़ा। कोई साहसिक काम नहीं करना पड़ा।कोई बड़ा दान नहीं देना पड़ा। कोई देवता नहीं बनना पड़ा। बस उसने बुलडोजर को अपनी सवारी बना लिया। बुलडोजर बाबा ने बुलडोजर को सम्मान की पराकाष्ठा पर पहुँचा दिया है। माफियाओं के गैर-कानूनी भवनों को बुलडोजर से खाक में मिला दिया। प्रदेश के जिहादियों के गैर-कानूनी भवनों को ध्वस्त कर रहे हैं। सरकारी और गैर-सरकारी जमीनों को कब्जा कर बनाएं गए भवनों पर बुलडोजर की गाज गिराई। उत्तर-प्रदेश में योगी के इस काम को प्रदेश की जनता ने खूब सराहा। बुलडोजर अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ने का शस्त्र बन चुका है। बुलडोजर की लोकप्रियता का आलम है कि अब दूल्हों को घोड़े और कारें रास नहीं आ रही है। अब वे बुलडोजर को दूल्हा वाहन बना रहे है और शान से बारात ले जा रहे हैं। मध्य-प्रदेश ने भी बुलडोजर बाबा का अनुकरण किया। जिहादियों के गैर-कानूनी भवनों को मटियामेट कर दिया। बहराइच का एक दूल्हा बुलडोजर पर बैठ कर अपनी बारात लेकर गया। दूल्हा पक्ष के साथ-साथ दुल्हन पक्ष ने भी इस अंदाज को पसन्द किया। बाराती बुलडोजर के आगे-पीछे नाचते-गाते दुल्हन लेने गए। यह पूरा का पूरा मामला यह सिद्ध कर रहा है कि योगी के विकास और अत्याचार के विनाश का मॉडल लोकप्रिय हो गया है। लोग उनके मुख्यमंत्री रहते खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।