उत्तरप्रदेश और उत्तराखण्ड में रचा इतिहास
भाजपा के लिए लक्की साबित हुए धामी
साभार-नेशनल वार्ता
उत्तराखण्ड में भाजपा ने इतिहास रच दिया। उत्तरप्रदेश में भी इतिहास रच दिया गया। महिलाओं के विश्वास की बदौलत भाजपा ने चार प्रदेशों में जीत का परचम लहरा दिया था। महिलाओं ने भाजपा पर खूब भरोसा जताया। गोवा, मणिपुर, उत्तरप्रदेश और उत्तराखण्ड में अच्छी जीत हासिल की। प्रधानमंत्री मोदी की लहर बरकरार है। ये सिद्ध हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कामों को स्वीकारा गया। उत्तराखण्ड में भी बड़ी जीत हासिल की। उत्तराखण्ड के लोगों को भरोसा है कि प्रदेश मोदी के रहते प्रगति करेगा। उत्तरप्रदेश में काँटे की टक्कर की रट लगा रखी थी पत्रकारों ने। देश के पत्रकारों की पत्रकारिता ध्वस्त होकर रह गई। कमोवेश सभी बड़े पत्रकार संस्थान अखिलेश को परम पराक्रमी जता रहे थे। सारे हथकंडे फेल हो गए। इसमें दो राय नहीं भारत में राष्ट्रवाद का पौधा अंकुरित हो चुका है। यह पौधा पेड़ बनने की ओर अग्रसर है। गोवा में लगातार तीसरी बार भाजपा की वापसी इस बात का संकेत है। मणिपुर में भाजपा की अच्छी जीत भारत के स्वर्णिम भविष्य की ओर इशारा कर रहा है। होली से पहले की यह होली ऐतिहासिक है जो इस वक्त खेली जा रही है। उत्तराखण्ड में भले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व्यक्तिगत चुनाव हार गए हों लेकिन उनकी भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कुछ महीनो में ही हालातों को रास्ते पर लाने की सफल कोशिश की। इसलिए उनका कद कम नहीं होने वाला। आज सुबह ही हरीश रावत कह रहे थे कि उनका दल 48 सीटें जीतेगा। उनका दावा शायद भाजपा के लिए था। क्योंकि भाजपा को 48 सीटें मिलीं। वे खुद अपनी सीट गँवा बैठे। हालाँकि पुष्कर सिंह धामी भी हार गए परन्तु वे भाजपा के लिए लक्की साबित हुए।
-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला (वीरेन्द्र देव), पत्रकार, देहरादून।
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