Friday, November 22, 2024
HomeUncategorizedमध्य प्रदेश का भोजशाला किसका

मध्य प्रदेश का भोजशाला किसका

भोजशाला राजा भोज के वंशजों का
साभार-नेशनल वार्ता न्यूज़
मध्य प्रदेश में भोजशाला के विशाल मंदिर प्रांगण का मामला दर्पण की तरह साफ है। इसका निर्माण राजा भोज ने कराया था। राजा भोज हिन्दू थे मुसलमान नहीं। फिर इसे विवाद कहना नाजायज है। इसे हिन्दुओं को सौंप दिया जाना चाहिए। मुसलमानों को बाज आना चाहिए। उन्हें सुल्तानों और मुगलों का साथ नहीं देना चाहिए। मुसलमानों को हिन्दुओं का साथ देना चाहिए। वरना यही कहा जाएगा कि मुसलमान जिहाद कर रहे हैं। राजा भोज मंदिर प्रांगण में एक विशाल यज्ञशाला मौजूद है। इस यज्ञशाला को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। सनातन धर्म में यज्ञ का विधान महत्वपूर्ण माना जाता है। मुसलमानों में यज्ञ नहीं होता। इसके अलावा वहाँ कई देवी देवताओं के प्रतीक मौजूद हैं। वहाँ शिवलिंग भी मौजूद है। वहाँ देवी सरस्वती भी विराजमान हैं। मध्य प्रदेश का बच्चा-बच्चा यह तथ्य जानता है। इसके अलावा वहाँ गणेश जी भी विराजमान हैं। इस प्रांगण के एक हिस्से में राजा भोज ने संस्कृत का महाविद्यालय भी स्थापित किया था। जिसके खण्डहर आज भी देखे जा सकते हैं। इतने प्रमाणों के बावजूद किसी को कोर्ट जाने की क्या जरूरत है। क्यों मुसलमान हमारी छाती पर मूँग दलते रहना चाहते हैं। पूरे भारत वर्ष में सुल्तानों और मुगलों के कुकर्माें से मुसलमानों को तौबा कर लेनी चाहिए। मंदिरों की दीवारों पर बने मस्जिदों को हिन्दुओं को सौप देना चाहिए। गंगा जमुनी संस्कृति का परिचय देना चाहिए। गंगा जमुनी संस्कृति के जुमले को ढाल की तरह इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है। हिन्दू सहनशक्ति वाला होता है। उसे ऐसे सारे मस्जिदों को सौंप देना चाहिए। ज्ञानवापी ढांचे से इस अच्छे कार्य की शुरूआत कर देनी चाहिए। ज्ञानवापी पर मुसलमानों को अड़ियल रवैया छोड़ देना चाहिए। ज्ञानवापी सदियों-सदियों से हिन्दुओं का है। वहाँ सैकड़ों प्रमाण मौजूद हैं। जिन पर वाराणसी का सिविल कोर्ट अपनी मोहर लगा देगा। यानी यह प्रमाणित कर देगा कि ज्ञानवापी मन्दिर रहा है मस्जिद नहीं। यही रवैया मुसलमानों को ताज महल को लेकर अपनाना चाहिए। अरे कब तक छिपाने और ढ़ाँपने का काम करते रहोगे। कब तक हिन्दुओं को सताते रहोगे। कब तक हिन्दुओं के धैर्य की परीक्षा लेते रहोगे। कब तक अपने मजहब का जिहादी फरमान निभाते रहोगे। भारत को जिहाद की नहीं भाई चारे की आवश्यकता है। पाकिस्तान मंे अल्प संख्यक हिन्दुओं और सिखों पर कहर बरपाया जा रहा है। जो बुतपरस्ती छोड़ देता है उसे ईमान वाला कह दिया जाता है। यानी वह मुसलमान बन जाता है। जो अत्याचार पाकिस्तान में हो रहे हैं वही अत्याचार भारत में भी हिन्दुओं के साथ हो रहे हैं। हल्का सा फर्क इतना है कि अंदाज अलग-अलग है। फिर भी भारत के लोग कहते हैं कि बँटवारा हुआ। अरे, ना बँटवारा हुआ, ना सटवारा हुआ केवल भारत को तोड़ा गया। वह भी जिहाद को आगे बढ़ाने के लिए। पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी जिहाद हो रहा है। भारत में भी जिहाद हो रहा है। लेकिन हिन्दू खून नहीं खौल रहा है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments