पूर्वोत्तर का कीर्तिमान
साभार -नेशनल वार्ता ब्यूरो
2014 से पहले तक पूर्वोत्तर के प्रदेशों के विकास पर बहुत कम ध्यान दिया गया। इस कमी को पूरा कर रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी। पूर्वोत्तर के प्रदेशों को मजबूत बुनियादी ढांचे के जरूरत है। इस जरूरत को तेजी से पूरा किया जा रहा है। सही मायने में पूर्वोत्तर को भारत के विकास का इंजन बनाया जा रहा है। सिक्किम का एयरपोर्ट हो असम के पुल हों या रेल रोड का नया जाल हो। विकास का आघार मजबूत बनाया जा रहा है। मणिपुर की राजधानी इंफाल को ब्रॉडगेज नेट से जोड़ने के लिए दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे पुल बन रहा है। लगभग 111 किमी लम्बी जिरीबॉम-इंफाल रेल लाईन परियोजना के तहत नोने जिले में इस पुल का निर्माण हो रहा है। ईकोसेंसिटिव जोन होने के कारण पुल को भूकंप रोधी बनाया जा रहा है। यह पुल रिक्टर स्केल पर 8.5 तीव्रता के भूकंप के झटके आसानी से सह सकता है। इस परियोजना को 2023 में पूरा होना है। मौजूदा समय में जिरीबॉम और इंफाल के बीच 320 किमी की दूरी है। जिसे तय करने में लगभग 12 घंटे लगते हैं। इस पुल के बन जाने के बाद दो से ढाई घंटे में पूरी हो जाएगी यह दूरी। इसे एक चमत्कार ही माना जाएगा। फिलहाल दुनिया का सबसे ऊँचा पुल यूरोप के मोन्टेनिग्रो में है जो 149 मीटर ऊँया है। भारत का यह पुल इससे भी ऊँचा होगा। – सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला, देहरादून
कुतुबमीनार से दो गुना ऊँचा पुल
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